राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए जा रहे बदलावों को लेकर एक बड़ा फैसला आया है। वर्ष 2024 से बोर्ड एग्जाम साल में दो बार कराए जाएंगे। यह फैसला शिक्षा मंत्रालय द्वारा लिया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 23 अगस्त को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि ” NEP 2020 के तहत बनाया जा रहा नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार है। 2024 के एकडैमिक साल के लिए किताबें भी तैयार की जा रही हैं। नए पैटर्न के अनुसार 2024 से बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित किया जायेगा।
मंत्रालय का यह फैसला परीक्षा के प्रेशर को कम करने के लिए लिया गया है। छात्रों के पास अब एग्जाम की तैयारी के लिए ज्यादा मौका होगा। नए बदलाव के अनुसार छात्र उस वक्त परीक्षा दे सकते हैं जब उन्हें लगे कि वो उस सब्जेक्ट के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं अब छात्र दो बोर्ड एग्जाम में स्कोर किए गए अपने बेस्ट स्कोर को दिखा सकेंगे। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि देश के स्कूलों को उचित समय में ‘ऑन डिमांड’ परीक्षा कराने की क्षमता विकसित करनी होगी।
NEP 2020 के तहत छात्रों को अब दो भाषाएं पढ़नी होंगी। जिसमें से एक भारतीय भाषा होगी। ऐसा भारत की सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। छात्रों को क्लास 11वीं और 12वीं में ये दो भाषाएं पढ़नी होंगी। नए पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को उनकी समझ और योग्यता के आधार पर परखा जाएगा, न कि कोचिंग और किसी सब्जेक्ट को रटने के आधार पर। इसके अलावा छात्रों में प्रैक्टिकल स्किल्स भी विकसित करने पर जोर रहेगा।
कला, विज्ञान और वाणिज्य का रुकावट हुआ दूर:
एनसीएफ के तहत छात्रों के पास अलग-अलग सब्जेक्ट चुनने की आजादी होगी। कला, विज्ञान, वाणिज्य संकाय में किसी भी छात्र को उसी संकाय के विषय लेने के लिए मजबूर नहीं किया जायेगा। करेगी। यानि अगर कला का विद्यर्थी गणित और भौतिकी पढ़ना चाहता है तो वो यह विषय पढ़ सकता है। इसके साथी ही विज्ञानं के छात्र वाणिज्य और अर्थशास्त्र जैसे विषय पढ़ सकते हैं। शिक्षा की पहुँच सभी तक सुलभ हो इसके लिए शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल में इस्तेमाल की जाने वाली किताबों के दामों को कम करने पर भी गंभीरता के साथ विचार प्रारंभ किया है।