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June 16, 2025 8:42 am

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झामुमो अपने ‘अधिकार पत्र’ के वादों को पूरा करने का संकल्प पारित करे- प्रतुल शाहदेव

भाजपा ने झामुमो के महाधिवेशन पर साधा निशाना

आदिवासियों का हक मार रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखंड से बाहर निकालने का भी संकल्प पारित हो*

अध्यक्ष,कार्यकारी अध्यक्ष का पद ‘परिवार’ के बाहर जाए

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के महाधिवेशन के पूर्व बड़ा हमला करते हुए कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने 2024 के चुनाव घोषणा पत्र ‘अधिकार पत्र’ के दिए गए वादों को लागू करने का संकल्प पारित करे। प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव से पहले वादों की झड़ी लगा दी थी।लेकिन धरातल पर वो वादे मूर्त रूप नहीं ले रहे।

प्रतुल ने कहा कि सबसे ज्यादा विवाद मईया सम्मान योजना को लेकर हो रहा है। सरकार अपने मन मुताबिक इसकी संख्या में कटौती कर रही है जो की निंदनीय है। चुनाव पूर्व जितनी मईया को सम्मान राशि मिली थी,उन सबों को देना चाहिए। सिर्फ फर्जीवाडा करने वाले लाभुकों को बाहर करना चाहिए।प्रतुल ने कहा झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का भी वादा किया था. लेकिन अब उसको वह भूल गई है। 5 वर्षों में 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का भी वादा था। महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने का भी वादा था।किसानों को बिना गारंटी के लोन भी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी।प्रतुल ने कहा अपने अधिकार पत्र में दिए गए वादों को लागू करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा को महाधिवेशन में संकल्प पारित करना चाहिए।जनता झामुमो की घोषणाओं को संशय से देखती हैं क्योंकि उसको याद है कि 2019 का निश्चय पत्र का एक भी वादा लागू नहीं हो पाया था।

प्रतुल ने कहा कि पश्चिम बंगाल से लगे सीमावर्ती जिलों में लगातार आदिवासियों की संख्या घट रही है और मुसलमानों की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद को आदिवासियों का हितैषी कहती है। महाधिवेशन में इस मुद्दे पर गहन चिंतन करना चाहिए एवं सभी अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने का संकल्प पारित करना चाहिए। प्रतुल ने कहा कि इस घुसपैठ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासियों को हो रहा है।

प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा पर हमेशा परिवारवाद का आरोप लगता है।लोग मानकर चल रहे हैं कि अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष का पद सोरेन परिवार के पास ही रहेगा।झारखंड और अगल-बगल के सीमावर्ती राज्यों से जो कार्यकर्ता आएंगे वह सिर्फ प्रस्ताव पर हाथ उठाने का काम करेंगे। तो अब समय आ गया झामुमो को पारदर्शिता दिखाते हुए अध्यक्ष एवं कार्यकारी अध्यक्ष का पद भी परिवार से बाहर के समर्पित कार्यकर्ता को देना चाहिए।पार्टी के पदों पर चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को आईवॉश नहीं करना चाहिए

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