रांची। झारखंड की राजधानी के
ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा
मुंडा जैविक उद्यान में बाघिन के
चार शावकों की मौत हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार गौरी
नामक बाघिन का 10 मई की रात
पहला प्रसव हुआ था। उसने चार
शावकों को जन्म दिया था। इसी
बीच बाघिन के करवट बदलने की
वजह से सभी शावक दब गए और
मौत हो गई। चिकित्सक ने कह कि
शावकों के जन्म के बाद सीसीटीवी
के जरिए पूरी मॉनिटरिंग की जा रही
थी। इसके बावजूद नवजात
शावकों को नहीं बचाया जा सका।
बाद में चारों शावकों का
पोस्टमार्टम करा कर शवदाहगृह में
जला दिया गया।
चारों शावकों का जन्म मरने
से तीन घंटे पहले
एक शावक की हालत गंभीर थी
लेकिन उसे भी नहीं बचाया जा
सका। चारों शावकों का जन्म मरने
से तीन घंटे पहले ही हुआ था। इस
संबंध में उद्यान निदेशक जबर सिंह
ने बताया कि बाघिन ने पहली बार
शावकों को जन्म दिया था।
देखभाल का अनुभव न होने से वह
शावकों पर सो गई। पोस्टमार्टम
रिपोर्ट के अनुसार, मां का वजन
पड़ने से शावकों का दम घुटा।
उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ.
ओमप्रकाश साहू ने बताया कि 11
मई को कांके वेटरनरी कॉलेज के
डॉ. एमके गुप्ता और उद्यान के
डॉक्टरों ने शावकों का पोस्टमार्टम
किया। पोस्टमार्टम के बाद उद्यान में
बने शवदाह गृह में अंतिम संस्कार
किया गया।
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