कोल रिजर्व के मामले में झारखण्ड देश में पहले स्थान पर है। राज्य में कोयले का कुल भंडार 85602 मिलियन टन का है। भारत सरकार के खान और भूतत्व मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार खनिज उत्खनन के लिए वर्ष 2022-23 में धनबाद के बाद सबसे ज्यादा परमिट प्राप्त करने वाला जिला चतरा है। वर्ष 2022-23 के दौरान जिले को 1648 परमिट दिया गया । इनमें से 4 परमिट प्रमुख खनिजों के लिए और 16 परमिट माइनर मिनिरल के लिए दिया गया है। खनिज संपदा से होने वाले राजस्व में जिले का योगदान 374 करोड़ रूपए था । यह चाईबासा और धनबाद के बाद तीसरा बड़ा राजस्व था।
चतरा जिले का जिला खनन फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) फंड 976 करोड़ 53 लाख का है। झारखण्ड को इस फंड से 6631 करोड़ प्राप्त होते हैं। इस फंड का उपयोग जिले के विकास कार्य में होता है। जिले के टंडवा क्षेत्र में आम्रपाली और मगध कॉल परियोजनाएं संचालित है जबकि सीसीएल चंद्रगुप्त और संघमित्रा नाम से दो और कोल परियोजना खोलने की तैयारी में है। इन दोनों कोल परियोजना से 40 मिलियन टन कोयले का उत्पादन प्रति वर्ष होने की उम्मीद है।
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