रांची, पूर्वी भारत में एक शिक्षा केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के संस्थान IIM ,ISM, XLRI, CUJ, NUSRL, JRSU एवं कई निजी विश्वविद्यालय बाहर के छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। COVID-19 के बदले हुए परिदृश्य में जब छात्र दूसरे राज्यों में पढ़ने जाने की जगह अपने होम टाउन और स्टेट में रहकर पढ़ना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, रांची शहर उच्च शिक्षा के लिए छात्रों का पसंदीदा स्थान बन गया है।
रांची में पढ़ने और इसके प्रति बड़ी संख्या में छात्रों के आकर्षित करने का मुख्य कारण यह है कि यह शहर केंद्र, राज्य और निजी तौर पर संचालित कई शैक्षणिक संस्थानों से भरा हुआ है। शहर में 8 निजी विश्वविद्यालय, 4 राज्य विश्वविद्यालय,1 केंद्रीय विश्वविद्यालय,1 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के अलावा केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (CIP), झारखण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी, ट्रिपल आईटी स्थापित हैं, जो सामान्य, पेशेवर और तकनीकी धाराओं में व्यापक पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
राँची को झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से HEC,SAIL,और MECON के कारखाने हैं, वहीं निजी क्षेत्र में Usha Martin, Hindalco जैसे औद्योगिक प्रतिष्ठान भी हैं।
राँची को स्मार्ट सिटीज मिशन के अन्तर्गत विकसित किये जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। राँची भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर होने के
नाते इस शहर अपनी अलग पहचान बना चूका है। शिक्षा और अच्छे जीवन के मामले के अलावा मेजबान के रूप में रांची अतुलनीय हैं। नेशनल गेम्स की बात करें या इंटरनेशनल क्रिकेट मैच की मेजबानी की बात करे यह शहर हर बार खरा उतरा है।
प्रकृति ने अपने सौंदर्य इसपर खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। मौसम की बात करें तो ग्रीष्मकालीन तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 42 डिग्री तक, सर्दियों के तापमान 0 डिग्री से 25 डिग्री तक हो सकते हैं। रांची से 40 किलोमीटर की दुरी पर मिनी लन्दन के नाम से मशहूर मैकलुस्कीगंज है जो एंग्लो इंडियन समुदाय का शहर के नाम से जाना जाता है।
कोविड के बाद के परिदृश्य में जब छात्र विदेश जाने के बजाय स्थानीय संस्थानों को तरजीह देने लगे हैं, उच्च शिक्षा का दृश्य और अधिक आकर्षक हो गया है झारखण्ड में AIIMS, NIFT, IIM, BIT, XISS जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षा और अनुसंधान के अवसरों, वैश्विक संकायों और आकर्षक बुनियादी ढांचे छात्रों को आकर्षित करते है।