बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी),मेसरा द्वारा 27 से 29 मार्च तक “सतत विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
रांची : 1955 में स्थापित, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी), मेसरा अपने नवाचारपूर्ण शिक्षा, अनुसंधान में उत्कृष्टता और वैश्विक स्तर पर अपने छात्रों के योगदान के लिए प्रसिद्ध है। पिछले 70 वर्षों से, यह संस्थान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में झारखंड को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए, बीआईटी मेसरा, रांची के बायोइंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा “सतत विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी” विषय पर एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन 27 मार्च से 29 मार्च 2025 तक आयोजित होगा।
*सम्मेलन का उद्देश्य*
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देशभर के उन शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाना है, जो पौधों और सूक्ष्मजीव जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। सम्मेलन के दौरान निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की जाएगी:
• यह सम्मेलन अग्रणी शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, सरकारी नीति निर्माताओं, जैव प्रौद्योगिकी उद्योगों के विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को एक साथ लाने का एक मंच प्रदान करेगा।
• इंटरएक्टिव सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को उभरती हुई सतत जैव प्रौद्योगिकियों पर विचार-विमर्श करने और उनके सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन करने का अवसर मिलेगा।
• उच्च स्तरीय प्लेनरी सत्रों के माध्यम से विशेषज्ञों से इस क्षेत्र में नवीनतम प्रवृत्तियों और चुनौतियों की बहुमूल्य जानकारी प्राप्त होगी।
*मुख्य अतिथि एवं वक्ता*
इस कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित रहेंगे:
• मुख्य अतिथि: डॉ. अनुराग अग्रवाल, अशोका विश्वविद्यालय, सोनीपत
• मुख्य वक्ता: डॉ. आलोक कृष्ण सिन्हा, एनआईपीजीआर, नई दिल्ली
इसके अलावा, इस कार्यक्रम में बीआईटी मेसरा के कुलपति, प्रो. इंद्रनील मन्ना और बायोइंजीनियरिंग एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष, प्रो. कुणाल मुखोपाध्याय अतिथियों का स्वागत करेंगे।
यह सम्मेलन शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों को जैव प्रौद्योगिकी और सतत विकास के क्षेत्र में सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।