फेडरेशन ऑफ ऑल व्यापार संगठन के अध्यक्ष ने वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना की तारीफ़ की
रांची : गठबंधन सरकार ने 145400 करोड रुपए का बजट पेश किया है, जो पिछले बार से 13% अधिक है, लेकिन इस बजट में विधि व्यवस्था और पुलिस आधुनिकीकरण तथा अर्बन Crime नियंत्रण के मामले में हमलोग कोई भी उपबंध नहीं पा रहे हैं, जबकि राजधानी रांची सहित सभी जिलों में विधि व्यवस्था का भारी संकट है और हर वर्ग इससे परेशान है और अपने जान, माल तथा सुरक्षा के लिए चिंतित है। बजट में व्यापारियों के सामाजिक सुरक्षा के लिए भी राज्य व्यापारी कल्याण आयोग जैसा कोई उपबंध नहीं आया है और ना ही राज्य के 35000 वकीलों के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट और उनके कार्यस्थल पर आधारभूत संसाधन और आधुनिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के संबंध में कोई उपबंध मिलता है, साथ ही राज्य की सिंचाई व्यवस्था को बढ़ाने के लिए वर्षों से बना रहे डैम के पूर्ण होने की भी कोई रूपरेखा बजट में नहीं प्राप्त हो रही है।
हालांकि वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना एक अच्छी योजना के रूप में बजट में सामने आई है, जिसके तहत 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए वार्षिक एवं दैनिक उपभोग और अध्ययन सामग्री के लिए ₹4000 प्रतिमाह का उपबंध किया गया है और झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पॉलिसी 2025 की बात भी बजट में की गई है लेकिन हम लोग पिछले बजट में घोषित स्टार्टअप योजना का हाल देख रहे हैं और अगर ठीक पिछला बजट को हम लोग देखे तो उसमें 70 घोषणाएं सरकार ने की थी, जिसमें से 2 दर्जन से अधिक घोषणाएं आज तक शुरू भी नहीं हो सकी है।
वर्तमान अनुमानित बजट में नियोजन नीति और स्थानीय नीति के संदर्भ में भी कोई उपबंध नहीं है, जिससे नौकरी और रोजगार प्रभावित होता है।
साथ ही साथ राज्य के शहरी क्षेत्र में जिस प्रकार जाम बढ़ता जा रहा है और परिवहन की समस्या बढ़ते जा रही है, उससे निपटने के लिए भी कोई कारगर कदम बजट में नहीं दिखता है।
इसलिए सरकार को की गई घोषणाओं को धरातल पर उतरने और उसका क्रियान्वयन पर ध्यान देना चाहिए।