रांची, 15 फरवरी 2025: राजकली फाउंडेशन के सचिव श्री धर्मेंद्र तिवारी ने कल, 14 फरवरी 2025 को रांची स्थित राजभवन में भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान श्री तिवारी ने राष्ट्रपति को पुष्प गुच्छ और शाल प्रदान कर उनका सम्मान किया और संस्था की कार्यशैली के बारे में जानकारी दी।
मुलाकात के दौरान श्री तिवारी ने राष्ट्रपति को पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बापू वर्तमान में मार्च 2025 तक पैरोल पर बाहर हैं, जहां उन्हें अपना इलाज करवाने का अवसर मिला है। हालांकि, श्री तिवारी ने बापू के 86 वर्ष की आयु और उनकी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, उनकी स्थाई रिहाई के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
श्री तिवारी ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के कैदियों को रिहा किया जाए, विशेषकर जब उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो। उन्होंने इस अनुशंसा का हवाला देते हुए बापू की स्थाई रिहाई की मांग को और मजबूत किया।
श्री तिवारी ने पत्र में बापू के समाज और सनातन धर्म के लिए किए गए योगदान को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि बापू ने न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का कार्य किया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और आदिवासी गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत भी की। बापू की शिक्षाओं ने लाखों लोगों को जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और उनके सामाजिक कार्यों से समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ हुआ।
श्री तिवारी ने यह भी बताया कि बापू की खराब स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए, उन्हें तत्काल और बेहतर इलाज की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बापू की रिहाई समाज के लिए फायदेमंद होगी, क्योंकि उनके योगदान से समाज में सशक्तिकरण और जागरूकता की भावना फैलेगी।
महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इस मामले को गंभीरता से लिया और श्री तिवारी द्वारा सौंपे गए पत्र को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास फाइल आती है तो मैं सकारात्मक पहल करूंगी, मैं उनके कार्यों को जानती हूं अध्यात्म में मानव सेवा हेतु अच्छे कार्य किये है। राष्ट्रपति ने राजकली फाउंडेशन के उद्देश्यों और समाज में किए गए सकारात्मक कार्यों की सराहना की। उन्होंने संस्था की भलाई के लिए शुभकामनाएं दी और भविष्य में इसके कार्यों को और गति देने की कामना की।
राजकली फाउंडेशन के बारे में बताते हुए श्री तिवारी ने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाना और समाज के गरीब व वंचित वर्गों की सहायता करना है। संस्था ने कई सामाजिक, धार्मिक और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है।
राजकली फाउंडेशन की यह मुलाकात एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखी जा रही है, जो न केवल बापू की स्थाई रिहाई के लिए संघर्ष को नया मोड़ दे सकती है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।