Patratu : पतरातू के विस्थापितों ने एनटीपीसी के पदाधिकारी पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन अपने चाहतों को चयनित कर नौकरी दिलाने के चक्कर में लगा है। वही असल स्थापितों को दरकिनार किया जा रहा है।
इसी सिलसिले में रविवार को विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति का बैठक मां पंच बहनी मंदिर के प्रांगण में हुआ इसके अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष खुशबू देवी ने किया और संचालन मकसूद अंसारी ने किया इस बैठक का मूल्य उद्देश्य यही है कि हमारे दिए गए सूची के आधार पर जल्द से जल्द लोगों की बहाली की जाए
उन्होंने बताया कि विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा विस्थापन को लेकर सूची सौंपती है, तो एनटीपीसी उसे विस्थापितɓ मानता है, वहीं विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति विस्थापनों की सूची देता है, तो उसे बाहरी समझता है। इसका मतलब साफ है कि एनटीपीसी प्रबंधन दोहरी चाल चल रहा है। विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा जो निबंधित नहीं है, वह असंवैधानिक तरीके से काम कर रहा है, उसे एनटीपीसी संवैधानिक मान रहा है, उसे अधिकार दे रहा है कि जो वह विस्थापन की सूची देगा
उसे रोजगार मिलेगा जबकि विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति एक निबंधित संस्था है, मगर उसकी बात को न मानकर बाहरी लोगों को रोजगार देने का काम किया जा रहा है । अगर प्रशासन ने हमारी बात नहीं मानी तो आने वाले समय में विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति एक बार फिर से आंदोलन करने को तैयार है। जिसका सारा दोष एनटीपीसी प्रबंधन पतरातू का होगा।
गौरतलब है कि संघर्ष मोर्चा द्वारा बिहारी मजदूरों से भी चंदा के रूप में एनटीपीसी गेट में वर्कों को रोक के जबरन उनसे पैसा लेने का काम किया गया, मगर एनटीपीसी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है ।
वहीं विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति द्वारा लगातार पारदर्शी तरीके से काम किया जा रहा है, उसे गलत साबित किया जा रहा है। एनटीपीसी प्रबंधन के कई अधिकारी विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के लोगों से मिलकर भ्रष्टाचार का खेल खेल खेल रहे हैं।
औद्योगिक सुरक्षा बल व मानव संसाधन विकास विभाग के होते हुए भी पतरातु एनटीपीसी में भारी संख्या में चोरी किया जा रहा है। इसका दोषी कौन है। यह उजगार होना चाहिए। यहां के प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस अधिकारी अपना
दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं, इसके लिए दोषी कौन होगा उसे तत्काल कार्रवाई करते हुए नया दिलाने की आवश्यकता है। तत्कालीन अंचल अधिकारी शिव शंकर पांडे द्वारा मोर्चा और समिति के दोनों संस्था को लगातार बातचीत कर विश्वास में लिया जाता था लेकिन वर्तमान अनचाराधिकारी मनोज चौरसिया की मनमानी के कारण बड़का गांव विधायक रोशन लाल चौधरी की अगवाई में स्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा को ऊंचा पायदान दिया गया । वहीं इंडि गठबंधन द्वारा स्थापित प्रभावित अधिकार समिति के संगठन को सम्मान नहीं दिया जा रहा है । इस पूरे खेल में कहीं ना कहीं पतरातू प्रखंड के अंचल अधिकारी मनोज चौरसिया का विचार किसी भावना से ग्रसित है ।
पतरातू अंचल अधिकारी के गलत कार्य को खत्म करने के लिए एनटीपीसी पतरातु प्रबंधन को विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति के साथ बैठक करने की आवश्यकता है ।अगर बैठक कर विस्थापित समिति को विश्वास में नहीं लिया जाएगा तो भारी आंदोलन निश्चित है।