सनातनी एकता का महाकुम्भ
पहले स्नान पर्व पर आस्था का समागम, हर हर गंगे के जयकारों के बीच महाकुम्भ में श्रद्धा का महासंगम
महाकुम्भ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर आज भोर से महाकुम्भ की ओर बढ़ा आस्था का हुजूम
इंद्रदेव ने किया श्रद्धालुओं का अभिनंदन, रविवार को हुई हल्की बारिश के बाद बड़ी ठंड के बावजूद स्नान के लिए देश के हर राज्य से महा कुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालु
आस्था के आगे नहीं समझ में आ रहा था सिर पर रखी गठरी का वजन
संजय सिंह
महाकुम्भनगर(प्रयागराज) 13 जनवरी : 144 सालों के बाद प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के प्रारंभ पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर श्रद्धालुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिला। महाकुम्भ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुंभ में पहले स्नान पर्व पर देशभर से आए श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर जुटने लगे थे। हर-हर गंगे और जय श्रीराम के गगनभेदी जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा।
हर वर्ग में दिखा उत्साह
बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। आस्था का ऐसा आलम था कि सिर पर गठरी का वजन भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सका। संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। युवाओं ने इस पावन क्षण को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।
सनातन संस्कृति का उत्सव
इस बार युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम तट पर पूजा-अर्चना और दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।