November 22, 2024 1:03 am

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राज्य सरकार के चुनाव से पूर्व अपने चेहरे को चमकाने की ललक की हड़बड़ी के कारण 15 उत्पाद सिपाही अभ्यर्थियों की मौत हुई- प्रतुल शाह देव

*मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार इन 15 मौतों के लिए पूरे तरीके से जिम्मेवार*

*अभ्यर्थियों की मौत के लिए कोरोना वैक्सीन को जिम्मेवार बताकर मुख्यमंत्री और झामुमो लाश पर झूठी राजनीति कर रहे हैं*

रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा लगाए गए उस आरोप को निराधार बताया जिसमें उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही के अभ्यर्थियों की मृत्यु के पीछे का सबसे बड़ा कारण कोरोना वैक्सीन है। प्रतुल ने कहा शारीरिक परीक्षा के केंद्रों में पूरे तरीके से बदइंतजामी और मिस मैनेजमेंट रहा। 24 घंटे पहले तक अभ्यर्थियों को लाइन में लगा दिया गया। भूखे प्यासे अभ्यर्थियों को उमस भरी गर्मी में दौड़ा दिया गया।केंद्रों में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं थी। अस्पतालों में भी इलाज में लापरवाही हुई।जिसके कारण 15 होनहार अभ्यर्थियों ने अपना जीवन गवा दिया। 300 से ज्यादा अभ्यर्थी अभी भी अस्पतालों में जीवन मौत के बीच में संघर्ष कर रहे हैं ।प्रतुल ने कहा ये पंद्रहों मौतों के लिए हेमंत सरकार जिम्मेवार है।

हेमंत सरकार सिर्फ आरोप से ध्यान बांटने के लिए इन मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार बता रही है।इसी कोविशील्ड वैक्सीन को 90 देशों में दिया गया। भारत में 180 करोड़ इस वैक्सीन के डोज लगाए गए। मार्च में ही वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में कोविशील्ड वैक्सीन ने कोरोना के रोकथाम में बड़ी भूमिका निभाई। इसी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि ब्लड क्लॉटिंग की समस्या की बातें भारत में सिर्फ 0.000003% रहा है।प्रतुल ने कहा कि ब्रिटिश कोर्ट में वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्रेजनेका कंपनी ने भी बताया था की जो भी इस वैक्सीन के नगन्य संख्या में साइड इफेक्ट है, वह कोरोना वैक्सीन के पहले डोज के पहले महीने के भीतर दिखते हैं। यानी 2024 में कोरोना वैक्सीन के कारण किसी साइड इफेक्ट की कोई संभावना नहीं है।

प्रतुल ने कहा कि उत्पाद सिपाही अभ्यर्थियों की दौड़ में सरकार ने सिर्फ चुनाव से पूर्व चेहरे को चमकाने के लिए 6 लाख अभ्यर्थियों की जान को खतरे में डाल दिया ।ना केंद्रों पर पानी की व्यवस्था थी ना ग्लूकोज की और ना ही कोई आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था थी। गर्मी के कारण बेहोश होकर गिरने वाले अभ्यर्थियों को तुरंत अस्पताल ले जाने की भी व्यवस्था नहीं थी। इन 15 उत्पाद सिपाही के अभ्यर्थियों की मौतों के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार है।वह कोई भी बहाने कर ले उसके दामन से इन मौतों का दाग नहीं मिट सकता। प्रतुल ने कहा कि सबसे अफसोस जनक बात है कि भारतीय जनता पार्टी सभी अभ्यर्थियों को ₹1 लाख मुआवजा दे रही है और उनके घरों पर भी जा रही है। लेकिन इस निष्ठुर सरकार ने अभी तक ना तो उनके इलाज की व्यवस्था की है ना कोई मुआवजा दिया है।यह लाशों पर झूठी राजनीति करने वाली राज्य सरकार है

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