September 16, 2024 1:40 pm

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स्थानीय दिव्यांग युवाओं के लिए आशा की ज्योत बना दिव्य कला मेला।

रांची: रविवार का दिन, हरमू मैदान में रह रहकर हो रही हल्की बारिश और बावजूद इसके दिव्य कला मेला में उमडे दर्शकों के हूजूम, मेला में देश के कोने-कोने से आए हुए दिव्यांग स्टॉल धारकों का हौसला बढ़ाते हैं। और इसी हौशले के सहारे मेहनतकश दिव्यांग भाई बहन विघ्नों के आसमान को चीर कर अपने लिए रास्ता बनाते हैं। दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए की गई सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार की यह पहल राजधानी के दिव्यांग जनो को के बीच चर्चा का सबब बना हुआ है। एक तरफ तो यह मेला दिव्यांग भाइयों बहनों के लिए रोजगार उपलब्ध करा रहा है वहीं दूसरी तरफ स्थानीय युवा जो इस तबके से आते हैं उनके बीच आशा की किरण जगा रही है।
इस मेले में प्रधानमंत्री मोदी के लोकल फॉर वोकल का विजन साफ दिखाई देता है।

मेला प्रभारी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के वरीय अधिकारी रवि प्रकाश दुबे बताते हैं कि दिव्य कला मेला पूरे देश के महत्त्वपूर्ण और औद्यौगिक शहरों में समय समय पर अयोजित किया जाता है ताकि दिव्यांग उद्यमियों के उत्पाद को पूरे देश के स्थानीय मार्केट से जोड़ा जा सके। वहीं इसी मेले के मंच से दिव्यांग कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। विव्यांग सशक्तीकरण की दिशा में कार्यरत सभी प्रमुख, एजेंसियों, केंद्र सरकार, राज्य सरकार के अन्तर्गत संस्थानों की एक प्लेटफार्म पर उपस्थिति से दिब्यांग जनों को अपने लिए सहायता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। तथा सबसे अहम बात यह कि दूर दराज से आए उद्यमी और कलाकार लोकल लोगों से जुड़कर कनेक्टिविटी बनाते हैं और अपने समान लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था करते हैं।

कुल मिलाकर रांची का दिव्य कला मेला दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा है। साथ ही साथ राजधानी वासियों को दिव्यांग भाइयों के कौशल का लोहा मनवा रहा है।

Darshakon ki

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