September 16, 2024 2:56 pm

फॉलो करें

“उद्यमिता हैंडबुक: ग्रामीण उद्यम की प्रारंभिका” का विमोचन

रांची : आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक “उद्यमिता हैंडबुक: ग्रामीण उद्यम की प्रारंभिका” का आज अशोक नगर क्लब में एक भव्य समारोह में विमोचन किया गया। पुस्तक के लेखक श्री तरुण कुमार और सह-लेखिका सुश्री आकांक्षा ओझा हैं। कार्यक्रम का विषय प्रवेश आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक कुमार देवाशीष ने किया। उन्होंने प्रकाशन की प्रेरणा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि ग्रामीण समुदाय के साथ एक दशक से अधिक समय तक काम करने के उनके अनुभवों ने उन्हें एक ऐसी गाइडबुक तैयार करने के लिए प्रेरित किया जो सभी आकांक्षी ग्रामीण उद्यमियों के लिए एक-स्टॉप समाधान बन सके।

कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी भवेशानंद (रामकृष्ण मिशन आश्रम) ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने ग्रामीण उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे ग्रामीण उद्यमिता ‘अंत्योदय’ का एक प्रभावी माध्यम बन सकती है। उन्होंने इस पुस्तक की विशेष प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुस्तक ग्रामीण उद्यमियों के लिए एक वरदान साबित होगी। पुस्तक की सरल भाषा और विस्तृत जानकारी किसी भी गांव, ब्लॉक या देश के किसी भी कोने के एक सामान्य उद्यमी के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने सभा को स्मरण कराया कि कैसे स्वामी विवेकानंद ने जमशेद जी टाटा को कारखाना और शोध संस्थान बनाने के लिए प्रेरित किया था।

विशिष्ट अतिथि श्री महेश पोद्दार, पूर्व सांसद एवं उद्यमी ने को सम्बोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि झारखण्ड में जनजातीय समाज से उद्यमी विकसित करना चाहिए। ग्रामीण परिदृश्य में नए जमाने में नए तरीके से उत्पादन और उद्यमिता को व्यवस्थित करने का उन्होंने सुझाव दिया।

डॉ. शिवेंद्र कुमार, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर, प्लांडू ने बताया कि विगत दो दशक में झारखण्ड में ग्रामीण उत्पादन में अच्छी वृद्धि हुई है, लेकिन उस अनुपात में उद्यमिता विकास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण उद्यमिता झारखंड जैसे आदिवासी राज्य में पलायन की समस्या को कम करने का सबसे बड़ा माध्यम बन सकती है।

श्री गौतम कुमार, महाप्रबंधक, नाबार्ड ने आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा इस पुस्तक के प्रकाशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक ऐसे समय में प्रकाशित हुई है जब देश विशेषकर युवा बेरोजगारी से जूझ रहा है और सरकार ग्रामीण उद्यमिता और स्वावलम्बन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।

इस पुस्तक में उद्यमी का प्रोफाइल तैयार करने, बाजार अनुसंधान करने, एक सरल लेकिन प्रभावी व्यवसाय योजना तैयार करने, वित्तीय विश्लेषण करने, वित्तीय सहायता प्राप्त करने, व्यवसाय पायलट चलाने, और अंततः व्यवसाय का विस्तार करने जैसी सभी गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया गया है। पुस्तक में व्यवसाय के उतार-चढ़ाव के दौरान प्रेरित रहने और सही समय पर व्यवसाय से निकलने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है।

विमोचन के इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में अयोध्यानाथ मिश्र, राजीव कुमार, अरविन्द सिन्हा, दीपक मारू, एवं महेंद्र कुमार उपस्थित थे। मंच संचालन त्रिभुवन शर्मा ने किया। संस्था के प्रबंधक बिनोद कुमार, आशीष बर्मन, प्रभु साह, जितेश मौर्य एवं सहदेव साहू ने कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल