संतोष पाठक
रांची : लोकसभा के चुनाव परिणाम अब पूरी तरह से साफ होते जा रहे हैं । इस चुनाव में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन जहां 295 सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए है और सरकार बनाने के लिए न्यूनतम आंकड़ा 272 को पार करके सरकार बनाने की स्थिति में है। वही सत्ताधारी पार्टी भाजपा को उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और बंगाल में भारी झटका लगा है वहीं दक्षिण में भी पार्टी अनुमान के हिसाब से प्रदर्शन करने में नाकाम रही है । हालांकि जनता ने मोदी पर विश्वास किया है लेकिन उन्हें इस हिदायत के साथ सत्ता सौंपी है कि विपक्ष को पूरी तरह से खारिज करने का साहस न करें। और जनता ने विपक्ष के गठबंधन इंडिया को प्रतिरोध का मुकम्मल स्वर दे दिया है। 231 सीटों के साथ अब विपक्ष अपनी आवाज़ नई लोकसभा में ज्यादा मुखर ढंग से रख सकेगा।
इस लोकसभा चुनाव में एक बात खुलकर स्पष्ट रूप से सामने आई है की जनता ने हिंदी गठबंधन को सरकार बनाने लायक नहीं समझा है। कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश ने हमेशा सत्ता की राह दिखाई है। उत्तर प्रदेश ने इस बार भी भाजपा की सत्ता पर पकड़ को ढीली करते हुए सरकार की कमान सहयोगियों को सौंप दी है। अगली सरकार में मोदी को किसी भी बड़े निर्णय लेने से पहले उसे चंद्रबाबु नायडू और नीतीश कुमार से सलाह आवश्य लेनी होगी। वहीं विपक्ष को सुदृढ़ बनाकर सरकार के निरंकुश शाही पर रोक लगा दिया है। अब बीजेपी कड़े निर्णय नहीं ले पायेगी।