विष्णु देव साय के हाथ के हाथ में छत्तीसगढ़ की कमान देकर भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। आदिवासी चेहरे को आगे करके भाजपा ने झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तमाम ऐसे राज्य एमएमजहां आदिवासियों की बाहुल्य संख्या है, को संदेश देने की कोशिश की है कि आदिवासियों की शुभचिंतक केवल भाजपा ही है। अभी लोकसभा चुनाव और उसके बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में झारखंड में हेमंत सोरेन के मुकाबले विष्णुदेव साय को आदिवासी नेता बनाकर पेश किया जाएगा। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर पहले ही भाजपा ने इस मामले में बाजी मार चुकी है। अब बीजेपी को उम्मीद है कि 2024 में आदिवासियों के बहुत बाहुल्य मत भाजपा को मिलेंगे। जो भाजपा की जीत का अंतर बढ़ाने में प्रभावी सिद्ध होंगे। अभी चुनाव दिन पहले 15 नंबर को विरसा मुंडा के जन्मदिवस पर मोदी जी बिरसा मुंडा के झारखंड के खूंटी जिले स्थित गांव उलिहातू गए थे। और वहां से एक बड़ा संदेश दिया था इसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़ा और छत्तीसगढ़ में भाजपा को आदिवासियों के वोट मिले और मीडिया के तमाम आकलन के विपरीत सरकार बनी।अब मोदी आदिवासियों के वोट को अपनी ताकत बनाना चाहते हैं।