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बक्सर : जिले के प्रख्यात गणितज्ञ प्रोफेसर एसके मिश्रा की 29 वीं पुण्यतिथि पर समाहरणालय रोड स्थित उनके आवास पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उनके व्यक्तित्व तथा कृतित्व को याद किया गया. सभा की अध्यक्षता प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह ने की जबकि मंच संचालन इंजीनियर मनीष कुमार ने किया.
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह ने प्रोफेसर एसके मिश्र को अजातशत्रु की उपाधि देते हुए कहा कि आज आए दिन महाविद्यालय में छात्र-शिक्षकों में तनाव की बाते सुनता और पढ़ता हूँ. ऐसे में आज प्रोफेसर एसके मिश्रा के आचरण को आत्मसात करने की आवश्यकता है. उनका जीवन आज भी प्रासंगिक हैं. कोई भी छात्रः उन्हें दूर से प्रणाम नहीं करते थे पैर छूकर ही करते थे. ये उनकी बहुत बड़ी उपलब्धि थी.
पूर्व छात्र राजीव रंजन पांडेय ने कहा सर गुस्सा नहीं करते थे. पर सर का लिहाज इतना था कि लोग पान तक थूक के ही उनके सामने जाते थे. उन्होंने बहुत कम समय में जो ख्याति जो प्राप्त की वह जिंदगी भर नौकरी कर के रिटायर शिक्षक को भी नसीब नहीं होता है. वह राजनीति और जाति वाद से कोसों दूर रहते थे.
सुशील मानसिंहका ने बताया कि वे किसी भी नशे से मुक्त थे. वे कहते थे कि नशा नाश के सारे द्वार खोल देती है. दया शंकर त्रिपाठी ने बताया कि उनके जाने के बाद कभी भी गणित विभाग कायदे से चला ही नहीं. आज भी कॊलेज मे गणित विभाग में कोई टीचर नहीं है। आज भी उनकी कमी महसूस होती हैं.
कार्यक्रम में प्रोफेसर शिव जी, प्रोफेसर बिहारी जी, प्रोफेसर सुरेन्द्र सिंह, शंभू लाल, अजय पांडेय, नियाज अहमद, जाकिर नायक, पिंटो पासवान, सुरेश राम मोती दिनकर, राम जी केशरी, डॉ संतोष केशरी, सुधीर कुमार सिंह, कृष्ण बिहार चौबे, बद्री विशाल, सुदीप सहाय, राकेश जायसवाल प्रेम प्रकाश, भोला यादव इत्यादि उपस्थित रहे.