November 21, 2024 12:13 pm

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दो माह से हावड़ा में फंसे आधा दर्जन पहाड़िया बच्चों की समिति ने करवायी घर वापसी

पाकुड़ : जिले के गोपीकांदर प्रखण्ड के आधा दर्जन पहाड़िया बच्चों को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का एक दलाल काम कराने के लिए विजयवाड़ा ले जा रहा था। हावड़ा रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने इन सबों को पकड़ लिया और गोपीकांदर की पांच नाबालिग लड़कियों एवं एक लड़के को वहां के बालगृह में आवासित कर दिया। बाल कल्याण समिति ने हावड़ा के सीडब्ल्यूसी से संपर्क कर इन छहों बच्चों की घर वापसी करवा दी है।
राजनैतिक कार्यकर्ता एहतेशाम अहमद ने 15 दिनों पूर्व इस मामले की जानकारी समिति को दी थी। उन्होंने बताया था कि दलाल ने नाबालिग बच्चों के आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर उनकी जन्म तिथि बदल दी थी पर जांच में यह तथ्य पकड़ में आ गया जिस कारण वहां की पुलिस ने दलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और बच्चों को बालगृह में रख दिया। केश हो जाने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को लाने के लिए हावड़ा जाने से डर रहे थे।
चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार ने हावड़ा सीडब्ल्यूसी और वहां के बालगृह के इंचार्ज से संपर्क कर दुमका डीसीपीओ के माध्यम से सभी बच्चों का गृह सत्यापन करवाते हुए एसआईआर भेजवाया। अंततः छहों बालक-बालिकाओं के अभिभावक हावड़ा गये जहां उन्हें बच्चों को सौंप दिया गया। हावड़ा सीडब्ल्यूसी ने 10 सितम्बर तक सभी बालकों को दुमका सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत होने का निर्देश देते हुए घर पोर्टल पर यह सूचना अपलोड कर दिया था। इस निर्देश के अनुरूप गत दिनों गोपीकांदर की पांच नाबालिग लड़किया और एक नाबालिक लड़का अपने अभिभावक के साथ समिति के समक्ष उपस्थित हुए। चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने पांचों लड़कियों व एक लड़के एवं उनके अभिभावकों का बयान दर्ज करते हुए इस मामले की सुनवायी की। अपने बयान में इन लोगों ने बताया कि मुर्शिदाबाद का सादीकुल नामक दलाल, गांव के दो लड़के और पांच लड़कियों को 30 जून 2023 को भवन निर्माण में काम करने के लिए विजयवाड़ा ले जा रहा था। वे सभी गांव से अमड़ापाड़ा और वहां से पाकुड़ गये। पाकुड़ से वे लोग ट्रेन से बर्धवान और वहां से हावड़ा रवाना हुए। 01 जुलाई को हावड़ा स्टेशन पर पुलिस ने उन सब को पकड़ लिया। जांच के बाद 18 वर्ष से अधिक आयु का होने के कारण एक को छोड़ दिया गया। गांव की पांच लड़कियों व एक लड़के को वहां के चिल्ड्रेन होम में में रख दिया गया। 24.08.23 को सभी को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। समिति ने चाइल्ड लेबर की श्रेणी में छहों को सीएनसीपी घोषित करते हुए उनके अभिभावकों के साथ घर भेज दिया है। ये सभी 14 से 17 वर्ष के हैं और ड्रॉपआउट हैं। समिति इन्हें पुनः शिक्षा से जोड़ते हुए इनके पुनर्वास के लिए डीसीपीओ दुमका को निदेशित किया है।

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