किसी भी देश में बुद्धिजीवी वर्ग सबसे अनोखा और प्रतिभाशाली वर्ग होता है। सार्वजनिक क्षेत्र में जनता की रक्षा की प्रथम पंक्ति बौद्धिक वर्ग को माना जाता है। सत्ता धारी दल अपने लोक व्यवहार के लिए इस वर्ग से सलाह, परामर्श और नेतृत्व लेता रहता है। हमारे देश में प्रोफेसर, डॉक्टर, एडवोकेट, राइटर, आर्टिस्ट इस वर्ग के प्रतिनिधि माने जाते रहे है। लेकिन इस वर्ग की राजनीतिक भागीदारी अब कम होती जा रही है। अब नौकरशाह यह दायित्व निभाते हुए ज्यादा नजर आते हैं। देश और राज्य की राजनीति में विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शिक्षकों की धमक भी पहले जैसी नहीं रही। मोदी मत्रिमंडल के आंकड़े इसे सही साबित करते है। केंद्र की वर्तमान सरकार कि बात करें तो विदेश, बिजली, रेल, शहरी विकास और पेट्रोलियम जैसे दस महत्वपूर्ण मंत्रालय नौकरशाह संभाल रहे हैं।
2024 के लोक सभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ एनडीए में रणनीतिक बढ़त लेने की होड़ लगी है। विपक्षी एकता के नारे के साथ सभी विपक्षी दलों की बैठकों का दौर जारी है। प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए में भी नए सहयोगी दलों को जोड़ा जा रहा है। झारखंड की राजनीति भी नए सिरे से करवट ले रही है। 17वीं लोक सभा में झारखंड की कई सीटों पर भाजपा की जीत का मार्जिन 1प्रतिशत से 4 प्रतिशत का रहा था। इन सीटों पर पार्टी की विशेष नजर है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी कैबिनेट का विस्तार (संभवतः जुलाई के आखिरी सप्ताह में) करने वाले हैं। एंटी इंकम्बेंसी की काट और कार्य करने में अक्षम पाए जाने वालों की जगह नए चेहरों को मौका देने की पुरानी रणनीति को दुहराने में भाजपा संकोच नहीं करेगी।
झारखण्ड की चार लोक सभा सीटों पर डॉक्टर्स लड़ना चाहते हैं चुनाव:
झारखंड में लोक सभा की 14 सीटें हैं। इस बार लोक सभा की चार सीटों पर चिकित्सक अपना भाग्य आजमाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। चुनावी दौड़ में पूर्व आईपीएस अधिकारी और जमशेदपुर से पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार, पूर्व आईजी और वर्तमान में कॉल इंडिया के अंश कालिक निदेशक डॉ उरांव, विधायक डॉ. इरफान अंसारी, मीनाक्षी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह, झारखंड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के महासचिव और चिकित्सक डॉ. अभिषेक रामदीन शामिल हैं।
डॉ. अजय कुमार: जमशेदपुर के पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार जमशेदपुर से अपना भाग्य आजमा सकते हैं। 15 वीं लोक सभा में वे क्षेत्र का प्रतिनिधत्व कर चुके है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के पूर्वोतर के तीन राज्यों के प्रभारी है। वह कांग्रेस के प्रवक्ता के पद पर भी काबिज है। अलोक कुमार ने जिपमर (जवाहरलाल नेहरू पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) पुदुचेरी से अपनी मेडिकल की पढ़ाई की है और फिर भारतीय पुलिस सेवा में चयन के बाद चयन के जमशेदपुर में भी अपना योगदान दिया है।
डॉ. अरुण उरांव: चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले डॉ. अरुण उरांव ने आईपीएस में चयनित होकर पंजाब कैडर में अपना योगदान दिया। स्वेक्छिक सेवा नृवृति लेने के बाद वह वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह असम के सह प्रभारी है। डॉ. उरांव बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बंदी उरांव के पुत्र और झारखंड की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के पति हैं।डॉ. अरुण उरांव लोहरदगा से लोक सभा चुनाव लड़ने को लेकर तत्पर हैं। उनके द्वारा कई सामाजिक कार्य भी किया जा रहा है।
डॉ. अभिषेक सिंह: मीनाक्षी नेत्रालय के निदेशक और नेत्र चिकित्सक अभिषेक सिंह चतरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पिछले दो वर्षों से लातेहार और चतरा में कैंप किये हुए है। एम्स नयी दिल्ली से पढ़ाई करने वाले और डॉ. अभिषेक झारखंड के प्रसिद्द नेत्र चिकित्सक हैं। इनके हॉस्पिटल के द्वारा चतरा संसदीय क्षेत्र में निः शुल्क चकित्सा कैम्प लगाकर क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्या को मुद्दा बनाया जा रहा है।
डॉ. अभिषेक रामदीन: चतरा के रहने वाले और रांची के प्रसिद्द चिकित्सक अभिषेक रामदीन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स में महासचिव के पद पर हैं। इनकी नजर भी चतरा संसदीय क्षेत्र पर है। डॉ. रामदीन अपने संपर्क और स्थानीय प्रत्याशी के मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर टिकट की तलाश में है।
डॉ. इरफान अंसारी: कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भी डॉक्टरी की पढ़ाई किया और फिर राजनीती में आये। पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के बेटे डॉ. इरफान अंसारी की नजर गोड्डा संसदीय सीट पर है। यह उनके लिए अपनी राजनीतीक विरासत को बचाने की लड़ाई भी है।