नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी ने अगले चुनाव के लिए एजेंडा सेट कर दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में लड़ाई परिवारवाद भ्रष्टाचार और टूष्टिकरण के खिलाफ होगी।
आज देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया । इस दौरान ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से देशवासियों को आजादी के पर्व की शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज देश की आजादी के जश्न में योगदान और बलिदान देने वालों को नमन करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।
लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विभिन्न मुद्दों पर बात की।पीएम मोदी ने कहा कि देश त्याग और तपस्या के बाद आजाद हुआ। यह अमृतकाल का पहला साल है। अमृतकाल में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय को लेकर सरकार आगे बढ़ रही है।अब देश नए संकल्पों से जुड़ रहा है.
लालकिले के प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, जैसा सौभाग्य आज देश के नौजवानों को मिला है, ऐसा सौभाग्य शायद ही किसी को मिलता है। हमें इसे गंवाना नहीं चाहिए। आने वाला समय टेक्नोलॉजी से प्रभावित रहने वाला है। हमारे छोटे-छोटे शहर और कस्बे आबादी में छोटे हो सकते हैं। लेकिन उनका सामार्थ्य किसी से कम नहीं है। देश में अवसरों की कमी नहीं है, आप जितने अवसर चाहेंगे ये देश आसमान से उतरने के अवसर देने का सामार्थ्य रखता है।
पीएम मोदी ने कहा, यह निश्चित है कि भारत की क्षमता और संभावनाएं भरोसे की नई ऊंचाइयों को पार करने वाली हैं। विश्वास की ये नई ऊंचाईयां, नई क्षमताओं के साथ आगे बढ़ेंगी। आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने का अवसर मिला है। बीते वर्ष में जिस प्रकार भारत के कोने-कोने में G20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन के सामर्थ्य, भारत की विविधता का परिचय हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें याद है जब हमारे देश पर आक्रमण हुआ, लेकिन तब पता तक नहीं था कि एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी। हम गुलामी में जकड़ते गए, जो आया लूटता गया। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता से बाहर निकला हुआ देश एक नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। मां भारती एक बार फिर जागृत हो चुकी है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे पास लोकतंत्र और विविधता है। दुनिया के देश बूढ़े हो रहे हैं, लेकिन भारत युवा हो रहा है। आज के फैसलों से आने वाले 1000 सालों का भविष्य तय होगा। सामर्थ्य देश के भाग्य को बदल देता है। अब न रुकना है और ना ही दुविधा में जीना है।